वीज़ा में देरी और नए नियमों से भारतीय छात्र परेशान!

यूएस, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और चीन में पढ़ाई के लिए जाना हुआ मुश्किल !

वीज़ा में देरी और नए नियमों से भारतीय छात्र  परेशान!

यूएस, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और चीन में पढ़ाई के लिए भारत से जाने वाले स्टूडेंट इन दिनों वीजा मिलने में हो रही देरी और नए नियमों से परेशान हैं। यूएस वीजा के अपॉइंटमेंट के लिए ही तीन से चार महीने का समय लग रहा है। यूके की वीजा पॉलिसी बदलाव से स्टूडेंट्स दिक्कत में आ गए हैं। वहीं बदले राजनीतिक संबंधों के चलते कनाडा ने वीजा पॉलिसी सख्त कर दी है।

विदेश जाने वाले छात्रों का आंकडा

7.80 लाख - 2023

7.50 लाख - 2022

4.44 लाख - 2021

5.88 लाख - 2019

वहां का वीजा रिजेक्शन 20% तक बढ़ गया है। वहां यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए ली जाने वाली सुरक्षा निधि भी 6 लाख रुपए से बढ़ाकर 12 लाख कर दी गई है। दूसरी ओर भारत की नेशनल मेडिकल काउंसिल के नियमों के चलते भी तीन साल में विदेश जाने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स की संख्या में 55 से 60 फीसदी तक की कमी आई है।

यूएस : जून में खुलेंगे अपॉइंटमेंट स्लॉट - एक्सपर्ट के मुताबिक, यूएस के स्टूडेंट वीजा के स्लॉट मिलने में 3 से 4 महीने का समय लग रहा है। यूएस एम्बेसी ने जून अंत या जुलाई में अपॉइंटमेंट के स्लॉट बुकिंग करने की बात कही है। वहीं चीन ने भी वीजा नियम कुछ सख्त कर दिए हैं। दूसरी ओर, यूक्रेन में युद्ध के चलते फिलहाल स्टूडेट्स का वहां जाना बंद है।

यूके : अब 38 लाख का पैकेज जरूरी - फॉरेन एजुकेशन के एक्सपर्ट ने बताया कि, यूके ने जनवरी 2024 से वर्क वीजा के लिए कम से कम 38 लाख रुपए का पैकेज अनिवार्य कर दिया है। पहले यह राशि 26 लाख रुपए थी। वहीं स्टे बैक (पढ़ाई के बाद कुछ समय के लिए वहां रुकने की) व्यवस्था भी खत्म की जा रही है। इससे कई छात्र पढ़ाई के बाद ही लौट रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया : डॉक्टर्स पैनल में मप्र से कोई नहीं - एक्सपर्ट के मुताबिक, किसी भी देश का वीजा मिलने के लिए वहां की एंबेसी द्वारा निर्धारित डॉक्टर्स की पैनल में से किसी एक की मेडिकल रिपोर्ट जरूरी होती है। ऑस्ट्रेलिया की डॉक्टर्स पैनल का एक भी डॉक्टर मप्र में नहीं है। मप्र के स्टूडेंट्स को दिल्ली, मुबंई, अहमदाबाद, बेंगलुरू और नागपुर जाना पड़ता है।

दुबई, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, फ्रांस का वीजा आसान - नॉन मेडिकल की पढ़ाई के लिए भारत से आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, दुबई, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, फ्रांस, स्पेन, मलेशिया जैसे देश में स्टूडेंट्स जाते हैं। फिलहाल इन देशों के वीजा लेने में अधिक परेशानी नहीं है। 7 से 10 दिन में वीजा मिल रहे हैं।