चुनाव के पहले ही एक सीट हारी कांग्रेस, पहले भी राजकुमार पटेल दे चुके हैं धोखा !

चुनाव के पहले ही एक सीट हारी कांग्रेस, पहले भी राजकुमार पटेल दे चुके हैं धोखा !
चुनाव के पहले ही एक सीट हारी कांग्रेस, पहले भी राजकुमार पटेल दे चुके हैं धोखा !

भोपाल- मध्यप्रदेश की खजुराहो सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त हो गया है। इसके साथ ही यहाँ से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की जीत सुनिश्चित दिख रही है। इस सीट को  इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को दिया था। खजुराहों में अखिलेश यादव ने मीरा यादव को मैदान में उतारा था। 

मीरा यादव के नामांकन में त्रुटि के चलते नामांकन निरस्त हो गया है। यानी अब कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 28 सीट पर मैदान में है। इस तरह से नामांकन निरस्त होने का ये पहला मामला नहीं है। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राजकुमार पटेल अंतिम दिन नामांकन दाखिल करने  विदिशा पहुंचे। वे फॉर्म बी ले जना ही भूल गए थे। उनका नामांकन निरस्त हुआ। वहां से बीजेपी की सुषमा स्वराजएकतरफा जीत गई थी। 

मालूम हो कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश की हाई प्रोफइल सीट विदिशा से पटेल को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था, परंतु पटेल द्वारा बी फार्म जमा न करने के कारण उनका नामांकन निरस्त हो गया था। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने यह चूक जानबूझकर की थी। 

कांग्रेस ने पटेल को इसके लिए जिम्मेदार मानते हुए उनको छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया था।  पटेल पर कांग्रेस ने  जानबूझकर नामांकन के साथ बी फार्म जमा न करने का उन पर लगा आरोप सही पाया गया है। इसीलिए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि पटेल को इस मामले में पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसका उन्होंने जवाब भी दिया था। जिससे पार्टी संतुष्ट नहीं हुई। प्रदेश की अनुशासन समिति ने पटेल पर कार्रवाई का सुझाव दिया था। 

दिग्विजय के करीबी पटेल उसके बाद लगातार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते रहे हैं दिग्विजय पटेल परिवार पर खूब मेहरबान रहे। राजकुमार पटेल की भाभी विभा पटेल पिछले महापौर चुनाव में भोपाल से प्रत्याशी रही। खुद राजकुमार पटेल भोजपुर से विधानसभा लड़े और हारे।