क्रिकेट का बेताज बादशाह, कई बार नाइंसाफी होने के बावजूद भी दिखाया अपना दम-खम

162 अंतरराष्ट्रीय शतक, जो कि अब तक का एक अद्वितीय रिकॉर्ड है, अपने 24 साल के क्रिकेट करियर में 16,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाने वाले इस खिलाडी को है सलाम

क्रिकेट का बेताज बादशाह, कई बार नाइंसाफी होने के बावजूद भी दिखाया अपना दम-खम
क्रिकेट का बेताज बादशाह, कई बार नाइंसाफी होने के बावजूद भी दिखाया अपना दम-खम

भारतीय क्रिकेट के शिखर सम्मेलन में सचिन तेंदुलकर ने अपने 24 साल के खिलाड़ी के जीवन में कई उदाहरण दिए हैं। इन्हें "क्रिकेट का भगवान" कहा जाता है।

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 40 बार ग़लत आउट दिया गया। अंपायरिंग के विपरीत, सचिन का जादू हमेशा मैदान पर दिखाई दे रहा है। इस बल्लेबाज ने कभी उफ तक नहीं की, बैल सिर झुकाकर मैदान के बाहर चला गया। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा 34357 रन बनाने वाले बल्लेबाज। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा 100 शतक लगाने वाले बल्लेबाज। अगर सचिन तेंदुलकर का अवैध अंपायरिंग का शिकार नहीं होता, तो अपने नाम से कई और कीर्तिमान दर्ज कर सकते थे। इनकी सैकड़ो की संख्या निश्चित रूप से 120 से अधिक है। 1999 में एडिलेड में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच खेला जा रहा था। बॉल इलेक्ट्रॉनिक्स के कंधे पर लगी थी। अंपायर डेरेल हार्पर ने सचिन को LBW दे दिया। सोच कर देखिए, अगर आज के दौर में किसी खिलाड़ी का आगमन हुआ तो मैदान पर क्या नजारा देखने को मिल सकता है? सचिन ने इस अंधी अंपायरिंग का भी विरोध नहीं किया। मछली के सिर के साथ झील के मैदान के बाहर चले गए। उनकी यह सहनशीलता और उनके अनूठे रिकॉर्ड उन्हें क्रिकेट इतिहास की शानदार किताबों के लेखक बनाते हैं।

1998 में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया फाइनल मैच खेला जा रहा था। अंपायरिंग की जिम्मेदारी माइकल कास्प्रोविच निभा रहे थे। साफा 'बॉल ने ऑफ ऑफिस' के काफी बाहर टप्पा खाती नजर आईं। फिर भी अंपायर ने सचिन को LBW आउट दे दिया। करोड़ों भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों का दिल इस एक डिस्कजन से टूट गया था। अगर उस वक्ता सचिन अंपायर के खिलाफ कोई भी कदम उठाता है, तो उन्हें पूरे भारत का जनसमर्थन मिलता है। सचिन तो सचिन क्षेत्र, विश्राम स्थल के बाहर चले गए।

साइमन टॉफेल और अलीम डार को क्रिकेट की दुनिया का विश्वसनीय वकील कहा जाता है। इन दोनों ने सचिन को भी गलत ठहराया है। 28 जनवरी, 2000 को बॉल सचिन तेंदुलकर की जर्सी में लगी थी। फ्रीडम ने अपील कर दी और साइमन टॉफेल ने सचिन को विकेट के पीछे कैच आउट कर दिया। सचिन के ग़लत आउट होने के कारण भारत मैच हार गया था।

बकनर सचिन तेंदुलकर को गलत आउट ऑफर के लिए छोड़ दिया गया था। साल 2003 में जेसन गिलेस्पी की गेंद पर विकेट के काफी ऊपर जा रही थी, बकनर ने सचिन को LBW दे दिया था। साल 2005 में कोलकाता के ईडन गार्डन में सचिन को विकेट के पीछे कोट बिहाइंड के गलत आउट ले के बाद बकनर ने कहा था कि मुझे दर्शकों के शोर की वजह से आवाज नहीं मिली। वह मैच में भारत पाकिस्तान के खिलाफ खेल रहा था।

2007 में भारत इंग्लैंड के विरुद्ध खेल रहा था। इस बार अलीम दार ने सचिन को विकेट के पीछे गलत कोट बिहाइंड आउट दिया। बाद में अलीम दार ने सार्वजनिक रूप से इसके लिए माफ़ी की छूट दी थी। उसी इंग्लैंड सीरीज में जब सचिन 99 पर थे, तो अंपायर इयान गोल्ड ने सचिन को विकेट के पीछे गलत कॉट बिहाइंड करार दे दिया था।

साओल साकेत ने साकेतिक लाबास्ट के साथियों की तरफ से चल पड़े। इस खिलाड़ी की सहनशीलता पर नजर, अंपायर का निर्णय आने के बाद सचिन ने शतक की भी परवाह नहीं की, नीचे दिए गए आउट जाने के बावजूद मैदान द्वारा अपनी प्रतिक्रिया छोड़ दी। क्या है इस वजह से सचिन कम से कम 20 शतक कम रह गए?